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खतरा है कि हमारे यूरोप की मौत हो सकती है’- फ्रांस के राष्ट्रपति ने क्यों कही ये बात?

अपने एक भाषण में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने चेतावनी दी कि सैन्य, आर्थिक और अन्य दबाव 27 देशों वाले यूरोपीय संघ को कमजोर और खंडित कर सकते हैं.

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गुरुवार (25 अप्रैल) को चेतावनी दी कि आज का यूरोप 'मर सकता है.' पेरिस में सोरबोन यूनिवर्सिटी में एक भाषण में, उन्होंने यह भी कहा कि महाद्वीप को अमेरिका की जागीर नहीं बनना चाहिए.

रॉयटर्स के मुताबिक मैक्रों ने कहा, 'खतरा है कि हमारे यूरोप की मौत हो सकती है.  हम जोखिमों का सामना करने के लिए तैयार नहीं हैं.' उऩ्होंने एक मजबूत, अधिक एकीकृत यूरोपीय सुरक्षा के लिए अपील की.

यूरोपीय संघ कमजोर हो सकता है
करीब दो घंटे तक चले भाषण में उन्होंने चेतावनी दी कि सैन्य, आर्थिक और अन्य दबाव 27 देशों वाले यूरोपीय संघ को कमजोर और खंडित कर सकते हैं.

मैक्रोंने कहा, 'रूस को यूक्रेन में जीतने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.' उन्होंने यूरोप की साइबर सुरक्षा क्षमता को बढ़ावा देने, ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन के साथ घनिष्ठ रक्षा संबंधों और उच्च रैंकिंग वाले सैन्य कर्मियों को ट्रेनिंग देने के लिए एक यूरोपीय अकादमी बनाने की अपील की. उन्होंने कहा, 'यूरोपीय लोगों को यूरोपीय सैन्य उपकरण खरीदने को प्राथमिकता देनी चाहिए.'

यूरोप को यह दिखाना होगा
मैक्रोंने कहा, 'यूरोप को यह दिखाना होगा कि वह भी संयुक्त राज्य अमेरिका की जागीर नहीं है और उसे यह पता होना चाहिए कि दुनिया के अन्य सभी क्षेत्रों से कैसे बात करनी है.'

बता दें फ्रांस के राष्ट्रपति ने लंबे समय से यूरोपीय 'रणनीतिक स्वायत्तता' की अपील करते रहे हैं जिसमें अमेरिका पर कम निर्भरता शामिल हो.

यूरोप के आर्थिक जोखिम
मैक्रोंने कहा, 'हमें अधिक और तेजी से उत्पादन करना चाहिए और हमें यूरोपीय लोगों की तरह प्रॉडक्शन करना चाहिए.' उन्होंने कहा कि यूरोप के भी आर्थिक रूप से पिछड़ने का जोखिम है क्योंकि ग्लोबल ट्रेड नियमों को प्रमुख प्रतिस्पर्धियों द्वारा चुनौती दी जा रही है.

मैक्रोंने कहा, यूरोपीय सेंट्रल बैंक को अब केवल मुद्रास्फीति को ही लक्ष्य नहीं बनाना चाहिए, बल्कि विकास और जलवायु को भी लक्ष्य बनाना चाहिए.

भाषण को मैक्रोंके मुख्य यूरोपीय साझेदार, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, जिनके साथ वह अक्सर रक्षा और व्यापार मुद्दों पर भिड़ते रहे हैं.

स्कोल्ज़ ने एक पोस्ट में कहा, 'फ्रांस और जर्मनी चाहते हैं कि यूरोप मजबूत हो. आपके भाषण में अच्छे विचार हैं कि हम इसे कैसे हासिल कर सकते हैं.

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